Judicial precedent को हिंदी में न्यायिक निर्णय या न्यायिक पूर्वनिर्णय कहा जाता है , जिसका तात्पर्य यह है की न्यायलय के पूर्ववर्ती निर्णय सभी courts पर binding होते है। आजादी के पूर्व Govrrnment of India Act 1935 की धारा 22 में न्यायिक पूर्व निर्णय को मान्यता प्रदान किया गया था । .
India में privy council के decision persuasive होते है जबकि सुप्रीम कोर्ट के डिसिशन भारत के सभी न्यायालयों पर binding होते है । अनुच्छेद 141 doctrine of precedent को constitutional status प्रदान करता है । high courts के निर्णय भी high courts से निचली अदालतों पर बाध्यकारी होते है ।
बंगाल इम्युनिटी कंपनी लिमिटेड बनाम स्टेट ऑफ़ बिहार के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह स्वयं अपने निर्णयों से बाध्य नहीं है [ not binding by its own decesions]