इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पहचान परेड के आधार पर दोषसिद्धि की वैधता पर विचार किया । न्यायलय के सामने यह सवाल था की क्या मात्र पहचान परेड के आधार पर अभियुक्त को दोषसिद्ध किया जा सकता है । न्यायालय ने धारित किया की पहचान परेड जिसे सेक्शन 9 के अंतर्गत सुसंगत घोषित किया गया है मौलिक एविडेंस नहीं है । अतः मात्र पहचान परेड के आधार पर अभियुक्त को दोषसिद्ध नहीं किया जा सकता है जब तक की अन्य एविडेंस से उसकी पुस्टि न कर ली जाय ।